राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी कांग्रेस या फिर बीजेपी| ravindra singh bhati, mewaram jain

By taaza-time.com

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राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के आसपास हो रहे हैं, और इस चुनावी महौल में उत्साह और रोमांच की लहरें बढ़ती जा रही हैं। चुनाव प्रचार में बढ़ती हुई गतिविधियों के बीच, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इस बार का चुनाव राजस्थान के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, जिसमें वे नए नेतृत्व और सकारात्मक परिवर्तन की कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

इस चुनाव में राजस्थान की 200 सीटों के लिए मतदान होगा, और इसका परिणाम तीन दिसंबर को होगा। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी और अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था। इस बार के चुनाव में, समाज के विभिन्न वर्गों के महिलाओं के बयान से स्पष्ट हो रहा है कि वे सशक्त होकर समाज में परिवर्तन की मांग कर रही हैं। इस सफल चुनाव के माध्यम से, राजस्थान का भविष्य नए उच्चाधिकारिता और प्रगति के साथ रूपांतरित हो सकता है।

5 राज्यों में इस रोमांचक चुनाव का आगाज़ हो चुका है। 679 विधानसभा सीटें, 8054 कैंडिडेट्स, और 16 करोड़ से ज्यादा मतदाता – ये आंकड़े सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक महाकवि हैं। 7 नवंबर से लेकर अब तक, 4 राज्यों में मतदान पूरा हो चुका है, अब तेलंगाना में वोटिंग का समय है जो 30 नवंबर को होगा। हर बदलते दिन के साथ, नतीजों की घड़ी करीब आ रही है, और इस महत्वपूर्ण दिन के लिए देशवासियों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस रोमांचक दारबार में, राजनीतिक दलों के दावे और बयानों की खेल में, एक सवाल है जो हर किसी के होंठों पर बना हुआ है – 3 दिसंबर को, कौन होगा वह सिकंदर!

राजस्थान में 2023 में किसकी सरकार बनेगी कांग्रेस या फिर भाजपा

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान चुनाव 2023: राजनीतिक गौरवान्वितों के अनुसार, राजस्थान में हमेशा से कांग्रेस और बीजेपी के इलावा किसी और पार्टी का राज नहीं रहा है। जनता पार्टी की सत्ता में रहती रही है, लेकिन बीजेपी भी उसका हमेशा साथी रही है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 शनिवार को (25 नवंबर) शांतिपूर्ण रूप से समाप्त हुआ। इसके बाद, 3 दिसंबर को आएगा नतीजा और तब पता चलेगा कि प्रदेश में किसका राज होगा। पिछले चुनावों की चर्चा करते हुए यह बताया जा सकता है कि 2018 में प्रदेश में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसके साथ ही राजस्थान में इतिहास में 0.33 प्रतिशत वोट से भी सत्ता बदल गई थी। यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में 0.54 फीसदी अधिक वोट से कांग्रेस की सरकार बनी थी।

राजस्थान में राजनीतिक गुरुओं के अनुसार, यहां अनेक बार जनादेश की हकीकत में खंडित होती है, लेकिन जो पार्टी चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतती है, वह बहुमत बनाने में सफल रहती है। इसके विपरीत, यहां कभी भी सरकार आंकड़ों के खेल में नहीं गिरी है। राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी भी दल का शासन कभी नहीं रहा है, इसे सियासी दशा में एक स्थायी सत्ता के रूप में देखा जाता है।

1993 में जब बीजेपी के भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने, तब से राजस्थान में सत्ता का खेल कांग्रेस और बीजेपी के बीच हमेशा चलता रहा है। राजस्थान में चुनावी परिणाम में बीजेपी और कांग्रेस के बीच छोटे बहुमत या बहुमत के करीब जैसी स्थितियों में अक्सर फर्क होता है। 1962 में कांग्रेस को 176 सीटें मिली थीं, जबकि 1967 में कांग्रेस विरोधी लहर के बावजूद 184 में से 89 सीटें उसे मिली थीं।

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