नमस्कार साथियों आप देख रहे हैं राजस्थान तक बाड़मेर विधानसभा की सीटों का हाल लेकर मैं मेवाराम जैन आपके साथ में इस समय बाड़मेर विधानसभा के ही भूत के ऊपर मौजूद हो और यहां पर बहुत सारे लोग हैं आप देख सकते हैं गांव के अंदर आपको इसी तरीके की तस्वीर नजर आएगी जहां पर वोटिंग थोड़ी सी स्लो है लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है लेकिन आप देखिए लोगों के अंदर जबरदस्त तरीके से एक्साइटमेंट है.
शिव विधानसभा से रविंद्र सिंह भाटी अमीन खान से वोटो में जीत जाएंगे (shiv latest news)
जिस तरीके से 7:00 के बाद में हम लगातार बाड़मेर जिले के अलग-अलग विधानसभा के इलाकों में जाकर आए हैं और अभी बज रहे हैं वर्तमान में 2018 की बात की जाए तो आप देखिए 2018 के अंदर बाड़मेर जिले की साथ में से 6 विधानसभा सिम हैं वह कांग्रेस के पास में है और एक बीजेपी के पास में पहली दफा है राजस्थान के बाड़मेर जिले के चुनाव के इतिहास में जब पहली बार देखिए बीजेपी और कांग्रेस के बाद में निर्णय लिया है, वह लगातार चुनाव की फाइट के अंदर कांग्रेस और बीजेपी के बीच में फाइट रहती है लेकिन पहली दफा 2018 आमतौर पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच में फाइट रहती है लेकिन पहली दफा 2018 के अंदर आप देखिए वहां पर जिस तरीके की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी है हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने जिस तरीके से 58 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
लेकिन बाड़मेर जिले में सबसे ज्यादा वोट परसेंटेज था वोट मिले थे हनुमान बेनीवाल की पार्टी को 50000 के आसपास वहां पर उजाला मेघवाल को वोट मिलता है उसके बाद में आप देखिए 2023 के अंदर स्थितियां बहुत चेंज हो जाती है के अंदर जबरदस्त तरीके से विधानसभा एक ऐसी विधानसभा है जहां पर भाजपा के अंदर भी बगावत है कांग्रेस में भी बगावत है जिस तरीके से बगावत है सबसे बड़ा सवाल इस बात को लेकर है की बगावत है.
barmer me kiski sarkar banegi(2023) ?
क्या वसुंधरा राजपुर के सारे परिवार की जा रही है जिस तरीके से बाड़मेर की सीटों की बात कीजिए यह शायद 30 साल की क्लास में विधानसभा सीट पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत्ते हैं वह चुनाव प्रचार करने में नहीं आते कम से कम 5 से साफ सफाई करते हैं लेकिन यह पहली दफा था राहुल गांधी आते हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आती है कांग्रेस के अंदर किस तरीके की उसका सबसे बड़ा उदाहरण मैं आपको बताता हूं shiv विधानसभा के अंदर आप देखिए कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जिला अध्यक्ष वह टिकट की दावेदारी करते हैं और उनकी दावेदारी के बाद में कांग्रेस के अंदर भूचाल आ जाता है, आमिर खान को कोई चैलेंज करता है.
शिव विधानसभा से रविंद्र सिंह भाटी जीतेंगे या फिर अमीन खान?
इससे पहले कभी भी अमीन खान को किसी ने चैलेंज नहीं किया और उसी के चलते आप देखिए और आखिरकार ऐसा बताया जाता है कि दिल्ली के अंदर एक बड़ी नेता के कांग्रेस के बड़ी नेता थे जाकर उनके पैर पकड़ दिया और आमिर खान को टिकट मिल गया लेकिन कांग्रेस के अंदर जिस तरीके से बगावत हुई कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने 6 तारीख को अपना नामांकन दाखिल कर दिया और ऐसी ही तस्वीर आप देखिए रविंद्र सिंह भाटी जो कि बीजेपी ज्वाइन करते हैं,
और ज्वाइन करने के 10 दिन बाद में पहली बार आप देखिए बाड़मेर और सिम दोनों विधानसभा सीटों पर आप देखिए डॉक्टर प्रियंका चौधरी दे दीजिए रविंद्र सिंह भाटी को ले लीजिए यह दोनों ऐसी विधानसभा जहां पर उनके समर्थकों का यह दावा है कि लगातार इनका नाम है वह टॉप पर चल रहा था लेकिन जयपुर और दिल्ली के अंदर कुछ और चल जाता उसी के चलते जैसे ही उनका टिकट कटा ऐसा उनके समर्थकों का दावा है और उसके बाद में जो बगावत हुई बगावत इस कदर हुई आप देखिए 2003 के अंदर जो बीजेपी के उसे वक्त के एमएलए की जब टिकट नहीं मिलता है.
ऐसा कहा जाता है कि जालम सिंह रावलोत को पूरी तरीके से फाइनल हो गया था दिल्ली से रवाना हो गए थे और दिल्ली से रवाना होकर वह बाड़मेर पहुंच गए थे उन्होंने बताया था वह शुरू कर दी थी इस तरीके का दावा किया जा रहा था कि उनको अंदर खाने फोन आ गया था लेकिन सब कुछ बदल जाता है उसके बाद में राजस्थान के अंदर बाड़मेर की बीजेपी की राजनीति पूरी तरीके से बदल जाती है अब देखिए वहां से वह बगावत करते हैं और 6 तारीख 5 तारीख होते हैं रविंद्र सिंह को चुनाव लड़ेंगे खराब नहीं कर पाएंगे लेकिन आप देखिए इन 10 से 1520 दिनों के अंदर तस्वीर साड़ी बदल गई है और वहां पर जिस तरीके से बीजेपी के लिए कांग्रेस के लिए वहां पर दो तरह का मुकाबला चल रहा है.
पहला मुकाबला चल रहा है फाइनल दो टीमों के बीच में फाइनल है सेमीफाइनल है पहली बार इससे पहले 2018 के अंदर 2008 के अंदर बनी थी और वहां पर आप देखिए कांग्रेस के बीच के अंदर चुनाव का मुकाबला था लेकिन 18 होते वहां पर हनुमान बेनीवाल की ओर से पार्टी बनती है और उसके बाद जिस तरीके की परिस्थितियों परिस्थितियों के बाद में किस तरीके के हालत बनती है तो आप देखिए वर्तमान के अंदर मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी जो की कैलाश चौधरी मंत्री है वह तीसरे नंबर पर चले जाते हैं और उसके बाद जिस तरीके का तमाम तरीके से जो वहां पर अब देखिए वह दूसरे नंबर पर रहती है.