जोधपुर: बीजेपी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा और उसकी बहन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज है, जाने क्यों?

By taaza-time.com

Published on:

जोधपुर के चौपासनी क्षेत्र में बसा हुआ, पाचीस बीघा क्षेत्रफल के साथ आत्मीय और रौंगत से भरा हुआ है मिर्धा फार्म हाउस. यहां के सुंदर माहौल में नाथूराम मिर्धा ने समय बिताया था, जब यह क्षेत्र जोधपुर शहर से दूर था और यहां का माहौल अनूठा था. इसी क्षेत्र में जातिन के प्रति उत्कृष्टता के लिए पूरा विवाद हुआ है.

jyoti mirdha with hanuman beniwal

राजस्थान के जोधपुर में, नागौर की ओर से बीजेपी की उम्मीदवार ज्योति मिर्धा और उनकी बहन हेमश्वेता के खिलाफ, धारा 420 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा, प्रेम प्रकाश मिर्धा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. यह बात ध्यान वाली है कि ज्योति मिर्धा पूर्व सांसद हैं और उनकी बहन राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की पत्नी हैं।

ज्योति मिर्धा द्वारा बेची गई जमीन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ

राम प्रकाश मिर्धा जी की ज़मीन की बेचाई ने नहीं सिर्फ उनके परिवार के भविष्य को सजग बनाया, बल्कि उनकी बेटी, ज्योति मिर्धा, हेमश्वेता मिर्धा, और प्रेम प्रकाश मिर्धा ने भी उनके प्रेरणादायक कदमों का पालन किया। 23 मई 1988 और 11 अक्टूबर 1989 को उनके द्वारा बनाए गए विक्रय विलेख ने उनके विशेषज्ञता को प्रमोट किया। इस दौरान, जिन्होंने मोबाइल नंबर भी शामिल किया, जब तक मोबाइल का प्रचलन नहीं हुआ था।

यह दिलचस्प है कि अगस्त 2021 में, ज्योति मिर्धा और उनकी बहन ने चाचा भानुप्रकाश मिर्धा, पूर्व मंत्री उषा पूनिया, और उनकी दो बेटियों सहित 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी। इसमें 13 लोगों को उनके पिता की भूमि को फर्जी तरीके से बेचने का आरोप था, और यह मामला चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में एफआईआर की गई थी।

मामले में, जब 13 आरोपियों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, तो मामला खारिज हो गया। उसके बाद, ज्योति मिर्धा और उनके साथी ने सुप्रीम कोर्ट की दिशा में कदम बढ़ाया, और यहां भी उनकी याचिका खारिज हो गई।

ज्योति मिर्धा की जमीन के रेट ऐसे बड़े थे

jyoti mirdha jodhpur

चौपासनी क्षेत्र में बसा हुआ, जिसे प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पांच बीघा क्षेत्रफल में स्थित “मिर्धा फार्म हाउस” ने जोधपुर को एक नया रूप दिया है। यहां के प्रमुख निवासी, नाथूराम मिर्धा, इस भूमि को अपना घर कहते थे। उनके समय में, यह क्षेत्र जोधपुर शहर के परे विकसित हुआ करता था, परन्तु शहर के समृद्धि और विकास के साथ ही यह अब शहरी सीमा में समाहित हो गया है। नतीजतन, इस क्षेत्र की महंगाई में भी एक उच्चतम स्तर की बढ़ोतरी हुई है।

ज्योति मिर्धा धोखाधड़ी मामले की पूरी जानकारी

ज्योति के चाचा द्वारा लगाए गए आरोपों के पीछे छुपी कहानी ने हमें गहरे सोचने पर मजबूर कर दिया है। 1988 में उनके चाचा भानु प्रकाश ने फार्म हाउस की चार बीघा भूमि को बेच दिया, जिस पर भंवरलाल ने कॉलोनी काटने का निर्णय किया। इस चर्चित खिलवार में भंवरलाल के हिस्से का भूमि रामप्रकाश मिर्धा के हिस्से में गया, जिनकी मौत ने दिलों में दरारें मचा दीं।

रामप्रकाश मिर्धा की मौत के बाद, ज्योति मिर्धा की मां वीणा देवी ने संपत्ति के वारिस बनने का दर्जा पाया। इसके पश्चात्, ज्योति और हेमश्वेता ने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपनी अद्वितीय पथ पर कदम बढ़ाया। ज्योति मिर्धा ने अपने पिता की मृत्यु से पहले हुए जमीन के परिवर्तन का आरोप लगाया, जिसे न्यायिक प्रक्रिया में सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने कठिन परिश्रम किया।

2018 में न्यायालय ने उनके खिलवार के दावों को खारिज कर दिया, लेकिन अब जोधपुर कमिशनेरेट की उदय मंदिर पुलिस ने मामले की जाँच करने का निर्णय लिया है। इस सबके बीच, एक नई चुनौती का सामना करने की तैयारी में ज्योति मिर्धा अपनी न्यायिक लड़ाई को जारी रख रही है, जो उसके और उसके परिवार के लिए न्याय की ऊंचाईयों को छूने की उम्मीद का प्रतीक है।

taaza-time.com

Related Post

Leave a Comment