Delhi Liquor Scam: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी बिनॉय बाबू को जमानत देने का फैसला किया है। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा है कि इस समय तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है और इसलिए किसी भी व्यक्ति को इतने लंबे समय तक जेल में रखना उचित नहीं है। क़दम बढ़ाते हुए, जस्टिस खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा है कि सीबीआई और ईडी के आरोपों में विरोधाभास नजर आता है। यह निर्णय सामाजिक न्याय की मजबूती का प्रतीक है, जो सभी नागरिकों को आत्मविश्वास दिलाता है कि न्यायपालिका न्याय के मामले में सख्ती बरत रही है।
Delhi Liquor Policy Scam Case In Hindi
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी बिनॉय बाबू को जमानत दे दी है। इस ऐतिहासिक निर्णय के मोमेंट में, शीर्ष अदालत ने बड़ी बात कही है। कोर्ट ने उज्जवल भविष्य की ओर मुख किया है, कहते हुए कि इतने लंबे समय तक किसी को जेल में बंद नहीं किया जा सकता, विशेषकर जब ट्रायल शुरू होने से पहले है। जस्टिस खन्ना ने यह भी रुचिकर रूप से कहा कि सीबीआई और ईडी के आरोपों में विरोधाभास सुस्त हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्ट की पीठ ने बिनॉय बाबू के पक्ष में आवश्यक दवा की दी है, कहते हुए कि उन्होंने 13 महीने की कैद से गुजर ली है और उनके आवेदन में सटीकता और तथ्यात्मक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इस अभूतपूर्व मौके पर, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मामले में अब तक कोई आरोप तय नहीं हुआ है और न्यायिक प्रक्रिया अब शुरू होगी।
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उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में यह रुचाना जताई है कि उपरोक्त तथ्यों को मध्यस्थ रखते हुए अपीलकर्ता (बाबू) को जमानत पर रिहा करने का अधिकार दिया जाएगा। इसे खबरदारी से बताया जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय ने बिनॉय बाबू की उस अपील पर सुनवाई की जा रही है, जिसमें हाईकोर्ट के 3 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें राहत नहीं दी गई थी।