supreme court fire cracker ban in diwali। ये ध्यान रखे इस दिवाली किन राज्यों में पटाखे बैन है और किन में नही?

By taaza-time.com

Published on:

supreme court fire cracker ban in diwali: इस साल दिल्ली के आनंद विहार में aqi 99 पहुंच गया है जो की हर किसी के लिए बहुत ही ज्यादा घातक है, सुप्रीम कोर्ट भी इसको लेकर बहुत ही ज्यादा सख्त है. इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते हुए प्रदूषण के मामले को देखते हुए यह कहा है कि यह सिर्फ एक अदालत का काम नहीं है कि वह प्रदूषण को रोक यह सभी की जिम्मेदारी है, तथा आम आदमी को भी इसका सहयोग करना पड़ेगा तभी प्रदूषण नियंत्रित होगा और सभी अच्छे से दीपावली को आनंद उठा पाएंगे.

diwali firecrackers ban in india (2023)

diwali firecrackers ban in india: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे को बना करने के मामले पर अपनी सुनवाई करते हुए यह कहा है कि हमने जो पिछले आदेश दिया गया था वह केवल दिल्ली भर के नहीं थे. पटाखे को बैन करने का आदेश पूरे देश पर के लिए जारी था फिर उन्होंने कहा हमने अपने पुराने आदेश में फटकों पर पूर्ण रूप का मसाला स्थानीय सरकार पर छोड़ा था इसको लेकर लेकिन अस्पताल में जैसी स्वास्थ्य के मरीज से जगह-जगह पर पटाखे नाक के लिए कहा था एनसीआर में आने वाले राजस्थान के लड़कों के लिए दिल्ली एनसीआर वाले नियम लागू हो सकते हैं.

इसका मतलब यह है कि पटाखे पर रोक रहेगी इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब वह दिल्ली एनसीआर और समेत कहीं और अन्य शहरों में बढ़ती प्रदूषण के मामले में सुनवाई कर रहे थे पंजाब में पराली जलाने देश के बाकी समय अन्य कर्म से प्रदूषण के स्तर में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए अदालत ने यह कहा है कि यह सिर्फ अदालत का काम नहीं है तो प्रदूषण को रोक तथा यह सभी लोगों की जिम्मेदारी है खासकर सरकार की क्योंकि वह सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है.

this diwali fire crackers ban in india

भारत सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार 7 नवंबर को यह साफ शब्दों में कहा है कि पटकों में बेरियम और अन्य प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाला उसका आदेश केवल भारत की राजधानी नई दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों पर ही नहीं इसके अलावा पूरे देश पर भी लागू होता है, इसमें राजस्थान सरकार को सीट से अदालत के आदेशों का पालन करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, इसके आदेश राजस्थान सहित देश के हर राज्य पर लागू होंगे इसलिए हम यहां स्पष्ट करते हैं कि राजस्थान भी इस पर ध्यान देगा ने केवल तुम्हारी सीजन के दौरान बल्कि उसके बाद भी वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को एक साथ कदम उठाना पड़ेगा.

इस दिवाली कौन से पटाखे की अनुमति है?

आज से 5 साल पहले 2018 में अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने हरित पटाखे को और कर्म उत्सर्जन वाले फाटक को छोड़कर सभी पटकों के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, सुप्रीम कोर्ट ने देर तक जलने और आवाज करने वाली पटाखों के निर्माण और बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है तथा आतिशबाजी में पेटीएम लवण के उपयोग पर रोक लगा दी गई थी इसके अलावा यह भी आदेश जारी किया गया था कि 29 अक्टूबर 2021 के उन्होंने अपने आदेश को इस कोर्ट में दोहराया गया.

साल 2023 में सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने पटक निर्माता की संघ की उसे याचिका को पारित कर दिया गया था जिसमें शामिल फटकों के उपयोग की अनुमति देने और हरी फटकों में बेहतर एडिटवस के साथ-साथ बेरियम जोड़ने की मांग की गई थी.

ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?

राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के इमरजेंसी निदेशक डॉक्टर राकेश कुमार ने 2018 में बताया था कि ग्रीन फटकों का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि उनमें वायु प्रदूषण के हानिकारक रसायन नहीं पाए जाते हैं, पटाखे में ऐसे पदार्थों को बदल दिया जाता है जो वातावरण के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होते और काम हानिकारक होते हैं. ग्रीन पटाखे बनाने की मांग पर सेंट्रल इलेक्ट्रो में केमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट का केमिकल टेक्नोलॉजी, नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट और नेशनल केमिकल लैबोरेट्री सहित csir की एक नेटवर्क द्वारा यह शोध किया गया था कि यह पटाखे बहुत ही ज्यादा काम हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन करते हैं तथा जलवाष्प भी छोड़ते हैं जो धूल को दबाने का काम करता है.

taaza-time.com

Related Post

Leave a Comment